आज अपने जन्मदिन पर मैं सभी मित्रों को आने का निमंत्रण दे रहां हूँ | अगर.......
(शेष YOUTUBE पर सुनिए..)
तूने आने में की जो देरी तो।
याद आने लगेगी तेरी तो।
मैं इल्जाम तुम्हें ही दूंगा,
मेरी दुनिया हुई अंधेरी तो।
मैं इल्जाम तुम्हें ही दूंगा,
मेरी दुनिया हुई अंधेरी तो।
ढूंढता हूँ तुझे मंजिल-मंजिल,
ख़त्म होगी कभी ये फेरी तो।
करूँगा और इन्तज़ार अगर,
जान जाने लगेगी मेरी तो।
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