संभवत: ३०-०९-०९ को १५ दिनों के लिए दिल्ली जाना हो,इस कारण हो सकता है कि अगला पोस्ट वहीं से प्रस्तुत करुँ....तब तक ये ग़ज़ल प्रस्तुत है....
जो है सच्ची वही खुशी रखिए।
सीधी-सादी सी ज़िन्दगी रखिए ।
जो बुरे दिन में काम आते हों,
ऐसे लोगों से दोस्ती रखिए।
वक्त जब भी लगे अंधेरे में,
साथ यादों की रौशनी रखिए।
ग़म ये कहना सभी से ठीक नहीं,
राज अपना ये दिल में ही रखिए।
चीज कोई जो तुमको पानी हो,
चाहतों में दीवानगी रखिए।
दोस्ती दुश्मनी न बन जाये,
अपने काबू में दिल्लगी रखिए।
लुत्फ़ तब दुश्मनी का आयेगा,
साथ कांटों के फूल भी रखिए।
देवता आप मत ‘अनघ’ बनना,
आप अपने को आदमी रखिए।
Copyright@PBChaturvedi
वाह,सुंदर ग़ज़ल में समाहित सुंदर संदेश..
जवाब देंहटाएंबढ़िया ग़ज़ल...बधाई..
बहुत खूब सुन्दर सीख है गज़ल मे
जवाब देंहटाएंकहने का अन्दाज भी सादगीभरा और प्रभावी
जो है सच्ची वही खुशी रखिए
जवाब देंहटाएंसीधी-सादी सी ज़िन्दगी रखिये
बहुत बढ़िया गजल चतुर्वेदी जी .आभार
बहुत ही अच्छा सन्देश देती ग़ज़ल , वाह!!
जवाब देंहटाएंसबसे ज्यादा जरुरी बात आपने कह डाली ......बाजार जितना ही हावी हो रहा है उतनी ही खुशियाँ कम होती जा रही है!बेहद सुन्दर सन्देश!
जवाब देंहटाएंचतुर्वेदी जी,
जवाब देंहटाएंबड़ी-बड़ी बातें बड़ी सादगी से कह गए.
बधाई
bahut sundar gajal hai,,badhaiyan........
जवाब देंहटाएंदोस्ती दुश्मनी न बन जाये,
जवाब देंहटाएंअपने काबू में दिल्लगी रखिए।
बस यही इक भूल हो जाती है.
अच्छे भाव. अति सुन्दर.
क्या बात हैं। बहुत ही सुन्दर , भावनाओं को समेटे लाजवाब रचना। बहुत-बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत खूब!
जवाब देंहटाएंवाह! वाह!! बहुत सुन्दर!
जवाब देंहटाएंजो है सच्ची वही खुशी रखिए।
सीधी-सादी सी ज़िन्दगी रखिये ।
देवता आप मत बनें यारों,
आप अपने को आदमी रखिए।
bahut sunder......achcha sandesh hai
जवाब देंहटाएंगम ये कहना सभी से कहना ठीक नहीं
जवाब देंहटाएंराज़ अपना ये दिल में ही रखिये......
बेहद पसंद आया.
हार्दिक बधाई.
चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com
Bahut sundar gazal kahee hai.
जवाब देंहटाएं-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
वक्त जब भी लगे अंधेरे में,
जवाब देंहटाएंसाथ यादों की रौशनी रखिए।
bahut sahi baat kahi hai aapne..........
देवता आप मत बनें यारों,
जवाब देंहटाएंआप अपने को आदमी रखिए।
- अपनेआप में आदमी बने रहना ही बहुत मुश्किल मगर वांछनीय काम है.
बहुत बहुत बहुत ही सुन्दर बात कह गए पंडितजी। अपने काबू में दिल्लगी रखिए। अहा!
जवाब देंहटाएंजो है सच्ची वही खुशी रखिए।
जवाब देंहटाएंसीधी-सादी सी ज़िन्दगी रखिये ।
देवता आप मत बनें यारों,
आप अपने को आदमी रखिए।
सीधी साधी भाषा में जीवन के गुण समझा दिए आपने !
zabardast gazal
जवाब देंहटाएंजो है सच्ची वही खुशी रखिए।
सीधी-सादी सी ज़िन्दगी रखिये ।umda
देवता आप मत बनें यारों,
जवाब देंहटाएंआप अपने को आदमी रखिए।
अति सुन्दर
दोस्ती दुश्मनी न बन जाये,
जवाब देंहटाएंअपने काबू में दिल्लगी रखिए।
बहुत खूबसूरत लिखा है आपने भई.और कितनी सच्ची बात कही है..वल्लाह.
तो अब क्या हम पहले अपने ही मित्रों का बुरा चाहें
जवाब देंहटाएंफिर दिल खोलकर उनके बुरे दिनों में साथ निभायें
charutvediji
जवाब देंहटाएंsidhi sadi si jindagi rakhiye
bahut achhi pankti lagi poori ghazal achhi hai.
jeete rahiye likhate raahiye
akela
acche sandesh detee hai aapkee ye gazal aur badee aatmiyata ke sath . bada accha laga aapke blog par aakar .
जवाब देंहटाएंcomment ke liye dhanyvad .