मित्रों!अपने तीन ब्लाग मेरी गज़लें,मेरे गीत और रोमांटिक रचनायें को इस एक ही ब्लाग में समेटने के बाद मैंने रोमांटिक रचनायें कम ही पोस्ट की है । इस बार एक गीत प्रस्तुत है-
प्यार तब और बढ़ा और बढ़ा और बढ़ा,
जब लगाये गये पहरे प्यार के ऊपर.....
कोई अनारकली दीवार में चुनवाई गई,
कोई लैला कहीं यूं ही तड़पाई गई,
यूं सरेआम जमाने में रुसवाई हुई,
सितम जो ढाए गए कर न सके कोई असर...
प्यार तब और बढ़ा और बढ़ा और बढ़ा.....
कहीं पे कैस कोई प्यार में दीवाना हुआ,
कहीं रांझा कोई हीर का निशाना हुआ,
और हर प्यार के खिलाफ़ ये जमाना हुआ,
मर गये इश्क के मारे ये सितम सह-सह कर...
प्यार तब और बढ़ा और बढ़ा और बढ़ा........
बहत सुंदर ग़ज़ल....
जवाब देंहटाएंमर गये इश्क के मारे ये सितम सह-सह कर...
जवाब देंहटाएंप्यार तब और बढ़ा और बढ़ा और बढ़ा........
सितम तो प्यार के लिये ईंधन है. सितम बढेगा तो प्यार और बढ ही जायेगा.
प्यार तब और बढ़ा और बढ़ा और बढ़ा,
जवाब देंहटाएंजब लगाये गये पहरे प्यार के ऊपर....
इसीको रिबाउंड फिनोमिना कहते हैं।
बहुत सुंदर गीत।
kya baat hai chaturvedi ji....
जवाब देंहटाएंbahut he sundar gazal...
bahut hi sundar.
जवाब देंहटाएंकोई अनारकली दीवार में चुनवाई गई,
जवाब देंहटाएंकोई लैला कहीं यूं ही तड़पाई गई,
यूं सरेआम जमाने में रुसवाई हुई,
सितम जो ढाए गए कर न सके कोई असर...
प्यार तब और बढ़ा और बढ़ा और बढ़ा.....
dil ko chuti rachna .badhai ho bhiya...............
aur taswire bhi bahut achi hai kas hum bhi sath me hote.........vishnu prabhakar(upadhayay101@yahoo.com)
अच्छा गीत बना है प्रसन्न साब
जवाब देंहटाएंNice Post!! Nice Blog!!! Keep Blogging....
जवाब देंहटाएंPlz follow my blog!!!
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प्यार तब और बढ़ा और बढ़ा और बढ़ा,
जवाब देंहटाएंजब लगाये गये पहरे प्यार के ऊपर.....
-यही तो सच्चाई है।
baat purani magar naye chole ,achchi lagi
जवाब देंहटाएंbahut badhiya
जवाब देंहटाएंरंग लेकर के आई है तुम्हारे द्वार पर टोली
उमंगें ले हवाओं में खड़ी है सामने होली
निकलो बाहं फैलाये अंक में प्रीत को भर लो
हारने दिल खड़े है हम जीत को आज तुम वर लो
मधुर उल्लास की थिरकन में आके शामिल हो जाओ
लिए शुभ कामना आयी है देखो द्वार पर होली