ब्लागजगत के सभी नये -पुराने साथियों को नमस्कार। कहीं आप मुझे भूल तो नहीं गये। अगर ऐसा है तो....
भूलने वाले मुझे याद कर, भूलने वाले मुझे याद आ।
तू मेरे दिल में बस कर, मुझे अपने दिल में बसा।
ये जो तनहाई है मेरी दुश्मन ये तुमको भी सताती होगी,
मैं इधर जब तड़पता हूँ इतना ये तुमको भी तड़पाती होगी,
अब यही तू इक उपाय कर और तनहाइयों को भगा.........
है तुमको भी मेरी जरूरत और तू भी जरूरत है मेरी,
मैं हूँ तेरे हाथ की लकीरें और तू ही किस्मत है मेरी,
हाथ में हाथ फिर रख दे और सोई किस्मत को जगा......
भूलने वाले मुझे याद कर, भूलने वाले मुझे याद आ।
तू मेरे दिल में बस कर, मुझे अपने दिल में बसा।
ये जो तनहाई है मेरी दुश्मन ये तुमको भी सताती होगी,
मैं इधर जब तड़पता हूँ इतना ये तुमको भी तड़पाती होगी,
अब यही तू इक उपाय कर और तनहाइयों को भगा.........
है तुमको भी मेरी जरूरत और तू भी जरूरत है मेरी,
मैं हूँ तेरे हाथ की लकीरें और तू ही किस्मत है मेरी,
हाथ में हाथ फिर रख दे और सोई किस्मत को जगा......
Copyright@PBChaturvedi
इतनी जल्दी भूल कैसे जायेंगे हुजूर। अभी सात आठ महीना पहले ही तो आपके शेर पढे थें । इन्तजार जरुर था।ये तनहाई तो सभी की दुश्मन है। बहुत बढिया तू मेरे हाथ की लकीर तू मेरी किस्मत । अपना तो ये है
जवाब देंहटाएंअपने हाथों की लकीरें तो दिखादूं लेकिन
क्या पढेगा कोई किस्मत में लिखा ही क्या है।
ये जो तनहाई है मेरी दुश्मन ये तुमको भी सताती होगी,
जवाब देंहटाएंमैं इधर जब तड़पता हूँ इतना ये तुमको भी तड़पाती होगी,
अब यही तू इक उपाय कर और तनहाइयों को भगा.........
वाह! बहुत सुन्दर पंक्तियाँ! उम्दा प्रस्तुती!
बहुत सुन्दर है गीत.
जवाब देंहटाएंहै तुमको भी मेरी जरूरत और तू भी जरूरत है मेरी,
जवाब देंहटाएंमैं हूँ तेरे हाथ की लकीरें और तू ही किस्मत है मेरी,
हाथ में हाथ फिर रख दे और सोई किस्मत को जगा
bahut sundar prastuti.
comments to aa hi jayenge
agli pankti to yahan la...
bahut khoob ....jari rakhiye
जवाब देंहटाएंहै तुमको भी मेरी जरूरत और तू भी जरूरत है मेरी,
जवाब देंहटाएंमैं हूँ तेरे हाथ की लकीरें और तू ही किस्मत है मेरी,
हाथ में हाथ फिर रख दे और सोई किस्मत को जगा......
sunder panktiyan
rachana
भावपूर्ण सुन्दर गीत.....
जवाब देंहटाएंअब आप आ ही गए हैं तो याद आया कि आये बड़े दिनों के बाद ।
जवाब देंहटाएंचतुर्वेदी जी , पब्लिक मेमोरी बड़ी छोटी होती है ।
निरंतरता बनाये रखें तो अच्छा लगेगा ।
शुभकामनायें ।
अनूठे अंदाज में अपनी उपश्थिति दर्ज कराई है आपने।
जवाब देंहटाएंअब यही तू इक उपाय कर और तनहाइयों को भगा.........
जवाब देंहटाएंkhoobsurat
bade dino ke baad darshan huye aapke....
जब आप इतना पीछे पड़े है तो किस्मत क्या सब कोई जाग जायेगा !
जवाब देंहटाएंआह्वान करते रहें,कभी न कभी कोई तो आएगा !
पहली बार आना हुआ आपके रचना जगत में ,आ कर अच्छा लगा .......आभार !
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