गुरुवार, 6 अक्तूबर 2022

हुनर जब भी किसी का बोलता है

 

हुनर जब भी किसी का बोलता है |

तो अनुभव ज़िन्दगी का बोलता है |

 

कई अनहोनियाँ होनी हुईं हैं,

असर जब बन्दगी का बोलता है |

 

मची हलचल समुन्दर में हमेशा,

लिपटना जब नदी का बोलता है |

 

मुसव्विर रंग का गुणगान करता,

सुख़नवर शायरी का बोलता है |

 

तड़कती या भड़कती शय से ज्यादा,

नजरिया सादगी का बोलता है |

 

समाचारों की दुनिया में ‘अनघ’ अब,

करिश्मा सनसनी का बोलता है |

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