गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक देशभक्ति गीत प्रस्तुत है | सभी ब्लॉगर बन्धुओं को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं....आप इसे YOUTUBE पर सुन सकते है.....
सभी आगे बढ़े बढ़ते रहें ये ही निरंतर हो।
न लड़का कम किसी से हो न लड़की कोई कमतर हो।
न हो बेरोजगारी और अब कोई न हो अनपढ़,
मेरे सपनों का भारत ऐसा भारत हो तो बेहतर हो ।
न हों अब धर्म के झगड़े न हो अब जाति की बातें,
न दंगे हों कहीं पर भी न हों आतंक की घातें ,
कहीं भी हम कभी भी जा सकें तो भय रहित जाएं,
सुरक्षित दिन हमारा हो सुरक्षित रात भी हर हो ।
मेरे सपनों का भारत ऐसा भारत हो तो बेहतर हो।
हरेक चेहरे पे हो मुस्कान न कोई गमजदा अब हो,
न आलस, झूठ, भ्रष्टाचार, बेईमानी यहाँ अब हो,
कोई भी गिर पड़े तो मिल के हम उसको उठा लेंगे,
सभी के दिल में ही सहयोग का अब भाव गोचर हो।
मेरे सपनों का भारत ऐसा भारत हो तो बेहतर हो।
दिलों को जोड़ लेंगे हम, गमों को छोड़ देंगे हम,
जरूरत गर पड़ी तो रास्तों को मोड़ देंगे हम,
पड़ोसी मुल्क जो भी अब हमें आँखें दिखाएगा,
तो ऐसा हो भी सकता है कि वो भारत के अन्दर हो।
मेरे सपनों का भारत ऐसा भारत हो तो बेहतर हो।
न आँसू आँख में आये, न कोई दृष्टि कातर हो,
न अब इंसान और इंसान में अब कोई अंतर हो,
सभी का लक्ष्य बस भारत को अब आगे बढ़ाना हो,
सभी के पास भारत माँ के कुछ प्रश्नों का उत्तर हो ।
मेरे सपनों का भारत ऐसा भारत हो तो बेहतर हो।
Copyright@PBChaturvedi
सभी आगे बढ़े बढ़ते रहें ये ही निरंतर हो।
न लड़का कम किसी से हो न लड़की कोई कमतर हो।
न हो बेरोजगारी और अब कोई न हो अनपढ़,
मेरे सपनों का भारत ऐसा भारत हो तो बेहतर हो ।
न हों अब धर्म के झगड़े न हो अब जाति की बातें,
न दंगे हों कहीं पर भी न हों आतंक की घातें ,
कहीं भी हम कभी भी जा सकें तो भय रहित जाएं,
सुरक्षित दिन हमारा हो सुरक्षित रात भी हर हो ।
मेरे सपनों का भारत ऐसा भारत हो तो बेहतर हो।
हरेक चेहरे पे हो मुस्कान न कोई गमजदा अब हो,
न आलस, झूठ, भ्रष्टाचार, बेईमानी यहाँ अब हो,
कोई भी गिर पड़े तो मिल के हम उसको उठा लेंगे,
सभी के दिल में ही सहयोग का अब भाव गोचर हो।
मेरे सपनों का भारत ऐसा भारत हो तो बेहतर हो।
दिलों को जोड़ लेंगे हम, गमों को छोड़ देंगे हम,
जरूरत गर पड़ी तो रास्तों को मोड़ देंगे हम,
पड़ोसी मुल्क जो भी अब हमें आँखें दिखाएगा,
तो ऐसा हो भी सकता है कि वो भारत के अन्दर हो।
मेरे सपनों का भारत ऐसा भारत हो तो बेहतर हो।
न आँसू आँख में आये, न कोई दृष्टि कातर हो,
न अब इंसान और इंसान में अब कोई अंतर हो,
सभी का लक्ष्य बस भारत को अब आगे बढ़ाना हो,
सभी के पास भारत माँ के कुछ प्रश्नों का उत्तर हो ।
मेरे सपनों का भारत ऐसा भारत हो तो बेहतर हो।
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