इस समय पूरा विश्व कोरोना की चपेट में त्राहि-त्राहि कर रहा है, इसी समय नवरात्रि में इस रचना का प्रादुर्भाव हुआ जिसे संगीतबद्ध भी किया है | मेरे लिखे इस भजन को आप मेरी आवाजऔर मेरी बेटी शाम्भवी की आवाज में सुन सकते हैं | आशा है आप सभी को यह गीत पसंद आयेगा...
दुखवा हमार मइया टारीं, तोहरे शरण हम बानी |
सारा संसार में आइल बा बिपतिया,
रोग से मरत बाड़न लोग दिन-रतिया,
कोरोना फइलल महामारी, रउरे शरण हम बानी |
काम नाही काज नाही क़ैद सब घरवा,
निकले में डर लागे अपनो दुअरवा,
बिपदा पड़ल बाटे भारी तोहरे शरण हम बानी |
नवरात आइल बा आस बा इ जागल,
जे भी पुकारी ओकर दुख दउड़ी भागल,
संकट से मइया अब उबारीं रउरे शरण हम बानी |
Copyright@PBChaturvedi