आज स्वतंत्रता दिवस पर देशभक्ति पर एक बाल-कविता प्रस्तुत है....
भारत माँ के बच्चे हम, करें राष्ट्र का अभिनन्दन ।
तन-मन-धन सब इस पर वारें, भारत माँ का करें वंदन ।
हम सब इसके प्यारे तारे, ये है अपना नील गगन,
मिल-जुलकर हम करें जतन यह बन जाए सुन्दर उपवन,
महकाएं अपनी सुगंध से इस दुनिया का हर गुलशन.…
भारत माँ के बच्चे हम, करें राष्ट्र का अभिनन्दन ।
तन-मन-धन सब इस पर वारें, भारत माँ का करें वंदन ।
हम सब इसके प्यारे तारे, ये है अपना नील गगन,
मिल-जुलकर हम करें जतन यह बन जाए सुन्दर उपवन,
महकाएं अपनी सुगंध से इस दुनिया का हर गुलशन.…
भारत माँ के बच्चे हम, करें राष्ट्र का अभिनन्दन.….
कोई विवेकानंद है हम में कोई झांसी की रानी,
कोई विवेकानंद है हम में कोई झांसी की रानी,
कल्पना, चाणक्य बनेंगे हमने मन में है ठानी,
भाभा और कलाम हमीं में, प्रेमचंद, तुलसी, रहिमन.…
भारत माँ के बच्चे हम, करें राष्ट्र का अभिनन्दन.….
हम अनुशासनप्रिय सेनानी,सच्चाई केअनुगामी,
माता-पिता, गुरु के हाथों ये मशाल हमने थामी,
विद्यालय से सीखा हमने मात-पिता को करे नमन.…
भारत माँ के बच्चे हम, करें राष्ट्र का अभिनन्दन.….
Copyright@PBChaturvedi
यह रचना मैंने एक स्कूल के लिए लिखा था, जिसमें भारत माँ की जगह स्कूल के नाम का short form प्रयुक्त किया गया है.....
यह रचना मैंने एक स्कूल के लिए लिखा था, जिसमें भारत माँ की जगह स्कूल के नाम का short form प्रयुक्त किया गया है.....
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