आज एक प्यार और दर्द भरी रचना आप के सामने प्रस्तुत है | इस रचना का संगीत-संयोजन भी मैंने किया है | इस रचना का असली आनंद सुन कर ही आयेगा, इसलिए आपसे अनुरोध है की आप मेरी मेहनत को सफल बनाएं और नीचे दिए गए लिंक पर इसे जरूर सुनें...
आप सभी को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं...
आप से अनुरोध है कि आप मेरे Youtube के Channel पर भी Subscribe और Like करने का कष्ट करें ताकि आप मेरी ऐसी रचनाएं पुन: देख और सुन सकें | आशा ही नहीं वरन पूर्ण विश्वास है कि आप इस रचना को अवश्य पसंद करेंगे | रिकार्डिंग कर लेने के बाद उच्चारण संबंधी कुछ त्रुटियों की ओर भी ध्यान गया पर दुबारा रिकार्डिंग करने के बजाय मैंने उसी
तरह पोस्ट कर दिया | दरअसल अकेले गायन,वादन, रिकार्डिंग आदि कई काम एक साथ करते समय कई चीजें उस समय ध्यान
में नहीं आ पाती, आगे से ध्यान रखूंगा |
केवल AUDIO सुनने के लिए नीचे क्लिक करें-
तुमसे कोई गिला नहीं है।
प्यार हमेशा मिला नहीं है।
कांटे रहते उगे चमन में,
फूल हमेशा खिला नहीं है।
जिसको मंज़िल मिले हमेशा,
ऐसा हर काफ़िला नहीं है।
होता आया कई सदी से,,
ये पहला सिलसिला नहीं है।
बस अनचाही मिली हमें शय,
जो चाहा वो मिला नहीं है।
समझोगे तुम नहीं कभी भी,
नफ़रत दिल का सिला नहीं है।
जब तक मर्जी नहीं है रब की,
पत्ता तक इक हिला नहीं है |
नाजुक है दिल ‘अनघ’ हमारा,
ये पत्थर का किला नहीं है।
ये पत्थर का किला नहीं है।
Copyright@PBChaturvedi
बहुत खुबसूरत गजल....
जवाब देंहटाएंबहुत खूब...
जवाब देंहटाएंbahut khoobsoorat gazal..
जवाब देंहटाएंबहुत ही खूबसूरत गजल..
जवाब देंहटाएंआपकी आवाज के साथ तो और भी बेहतरीन..
नववर्ष कि शुभकामनाएँ
:-)
बहुत ही लाजवाब गज़ल है ... और आपकी आवाज़ ... सोने पे सुहागा ...
जवाब देंहटाएंएक सरल और सहज सी ग़ज़ल और शायर की आवाज़ में सुनना और भी अच्छा लगा!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ग़ज़ल !
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट मिशन मून
नई पोस्ट ईशु का जन्म !
Ghazal ko likhna aur phir uski dhun banana...music arrange karna sab khud karna bahut mushkil kaam hai..aap ki mehnat nazar aati hai.
जवाब देंहटाएंemotional ghazal hai.sunNa sukhd lagaa.
awaz bhii acchhee lhai..
बेहद खूबसूरत गजल....लाजवाब रचना बधाई कृपया यूं ही संपर्क बनाए रखें।
जवाब देंहटाएंwaah janab!!! badhai.....
जवाब देंहटाएंbahut sundar
जवाब देंहटाएंअप्रतिम रचना हमारे वक्त का आदर्श स्वप्न बुनती देखती सी।
जवाब देंहटाएंज़िस्म का नाज़ुक हिस्सा है दिल ये पत्थर का किला नहीं है।
नव वर्ष आपको भी सपरिवार मुबारक। सुख के पीछे दुःख खड़ा रहता है। दोनों मीत हैं।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर !
जवाब देंहटाएंआपको भी सपरिवार शुभ हो नववर्ष !
आपका प्रयास सराहनीय है
जवाब देंहटाएंनव वर्ष में भी खूब फूले फले
बहुत बढ़िया ग़ज़ल...सुन्दर प्रस्तुति.....
जवाब देंहटाएंनववर्ष की मंगलकामनाएं.
अनु
बहुत सुन्दर शब्द और सुर |नववर्ष की शुभकामनाएँ दोस्त |
जवाब देंहटाएंबहुत खूब चतुर्वेदी जी , बधाई नए वर्ष की !!
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति-
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीय-
नव वर्ष मंगलमय हो-
सादर
वाह ... बेहद खूबसूरत गज़ल
जवाब देंहटाएंनव-वर्ष मंगलमय हो
बहुत सुंदर !
जवाब देंहटाएं****************
जो दर्द भरा बीत गया, उसको क्यों याद किया जाये
सचमुच त्यौहार ही है जीवन,ये त्यौहार जिया जाये
जो बीत गया न वश में है,आने वाला तो वश में हो
है नया वर्ष आने वाला,सबको सुख प्रेम दिया जाये
अपने दुःख में तो दुःख पाते,सबके जीवन का अनुभव है
औरों के दुःख में सुख मिलता,औरों का दुःख जो पिया जाये
************नव वर्ष की मंगल कामनाएं*********
आ० बहुत बढ़िया प्रस्तुति , नव वर्ष २०१४ की हार्दिक शुभकामनाएं , धन्यवाद
जवाब देंहटाएंनया प्रकाशन -; जय हो विजय हो , नव वर्ष मंगलमय हो
बहुत ही सुंदर रचना ...... नए साल के लिए बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएँ ...
जवाब देंहटाएंआपको भी सपरिवार शुभ वर्ष शुभ भावनाएं समर्पित नव वर्ष स्वागतार्थ।
जवाब देंहटाएंसभी मुखचिठियों को नया वर्ष करता है प्रणाम ,लाये शुभ भावना और मंगल हर दिन।
आपका कार्य अत्यन्त श्रमसाध्य है। बधाई।
जवाब देंहटाएंAwesome
जवाब देंहटाएंbahut badiya... keep posting..
जवाब देंहटाएंNav-Varsh ki shubhkamnayein..
Please visit my Tech News Time Website, and share your views..Thank you
bahut badiya ..
जवाब देंहटाएंsarthak prayas....khubsurat gazal.....nav-versh ki shubhkamnayen......
जवाब देंहटाएंbahut badiya
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ग़ज़ल, पढना और सुनना दोनों बहुत अच्छा लगा. हार्दिक बधाई.
जवाब देंहटाएंसुन्दर गायन और रचना. नव-वर्ष मंगलदायी हो.
जवाब देंहटाएंसाधू साधू
जवाब देंहटाएंक्या बात है , आनंद दायक !!
जवाब देंहटाएंसुन्दर शब्द-चयन । सुन्दर भावाभिव्यक्ति । मज़ा आ गया ।
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