दिनांक 24-3-16 को मेरी माँ इस नश्वर संसार को छोड़कर हमेशा के लिए मुझसे दूर चली गयीं | बचपन से लेकर अबतक की सारी बातें चलचित्र की तरह बार बार घूम जाती हैं | मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी मित्र भी थी जिनसे मैं सबकुछ कह सकता था | अब ऐसा शायद कोई नहीं...| मुझे बहुत दुःख है कि अंतिम पलों में मैं उनके साथ नहीं था और न बात हो पाई | माँ ! तुम मुझे बहुत याद आओगी......काश ! तुम नहीं जाती.........
मेरी माँ ने भी बहुत से भजन और गीत लिखे हैं जिन्हें वह खुद तन्मय होकर गाती थीं | इन्हीं में से एक छठ गीत आप पहले भी सुन चुके हैं जिसका लिंक है -छठ गीत/रचना-श्रीमती शैलकुमारी चौबे
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