मित्रों ! मैं अपनी प्रिय रचनाओं में से एक प्रस्तुत कर रहा हूँ जिसे मैंने पंचकवि चौरासी घाट कार्यक्रम के अंतर्गत वाराणसी के पंचगंगा घाट पर प्रस्तुत किया था | इसे आप मेरी आवाज में सुनेंगे तो और अधिक आनन्द आएगा, इसमें कोई संदेह नहीं है | इसीलिए इसका वीडियो लिंक भी नीचे दिया है, जिसे आप सुन सकते हैं | आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि आप को ये रचना अवश्य पसंद आएगी...
कहाँ हैं राम कैसे हैं बताएं |
जरूरत है धरा पर आप आएं |
नहीं है अब कहीं सम्बन्ध ऐसे, जो रामायण में
बरसों से पढ़ा है,
नहीं है त्याग और आदर्श ऐसे, तेरे इतिहास ने
जिनको गढ़ा है,
कई प्रतिमान तुमने हैं दिखाए, कहीं जिनको नहीं हम
आज पाएं |
न बेटा आप जैसा बन सके हम, न भाई आप जैसा कोई
पाया,
न धन-दौलत कभी ठुकरा सके हम, न जंगल में कभी
जीवन बिताया,
दिए स्वारथ, अहम के बुझ न पाए, भले रावण यहाँ हम
सब जलाएं |
किसी को पाप करते देखकर भी, कभी रोका नहीं टोका
नहीं है,
दिखे हर ओर भ्रष्टाचार इतना, ये संस्कारों से
क्या धोखा नहीं है,
व्यथा अपनी भला किसको सुनाएं, कहीं आदर्श सारे
खो न जाएं |
नहीं है निर्भया निर्भय यहाँ अब, सुरक्षित अब
नहीं कोई प्रियंका,
नरों के भेष में हम भेड़िये हैं, बजा लें लाख
संस्कारों का डंका,
हकीकत इक-न-इक दिन खुल ही जाए, भले हम लाख मुहँ
अपना छिपाएं |
दरिन्दे घूमते हैं अब यहाँ पर, दया संवेदना
दिखती नहीं है,
निकलती जब अकेली घर से बेटी, लगे डर जब तलक आती
नहीं है,
पढ़ाओ बेटियाँ नारा लगाएं, बचे बेटी तो हम बेटी
पढाएं |
Copyright@PBChaturvedi
आज के समय अनुसार
जवाब देंहटाएंबहुत ही सार्थक रचना ... आज का सच और इस सच का समाधान भी साथ ...
बहुत ख़ूब ...
हमने तो आपकी आवाज में पूरा वीडियो देखा और सुना आपको । अद्भुत , असाधारण , अप्रतिम ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा गीत और आपका गायन.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंआप यहाँ बकाया दिशा-निर्देश दे रहे हैं। मैंने इस क्षेत्र के बारे में एक खोज की और पहचाना कि बहुत संभावना है कि बहुमत आपके वेब पेज से सहमत होगा।
जवाब देंहटाएंआपका गाना अति सुन्दर |
जवाब देंहटाएंB.sc 2nd year Date Schedule 2021