गुरुवार, 25 दिसंबर 2014
रविवार, 26 अक्टूबर 2014
आंधियाँ भी चले और दिया भी जले
मित्रों ! एक रचना अपनी आवाज़ में प्रस्तुत कर रहा हूँ, आशा है आप को अवश्य पसंद आयेगी...
इस रचना का वास्तविक आनंद Youtube पर सुन कर ही आयेगा, इसलिए आपसे अनुरोध है कि आप मेरी मेहनत को सफल बनाएं और वहां इसे जरूर सुनें...
आंधियाँ भी चले और दिया भी जले ।
होगा कैसे भला आसमां के तले ।
अब भरोसा करें भी तो किस पर करें,
अब तो अपना ही साया हमें ही छले ।
दिन में आदर्श की बात हमसे करे,
वो बने भेड़िया ख़ुद जंहा दिन ढले ।
आवरण सा चढ़ा है सभी पर कोई,
और भीतर से सारे हुए खोखले ।
ज़िन्दगी की खुशी बांटने से बढ़े ,
तो सभी के दिलों में हैं क्यों फासले ।
कुछ बुरा कुछ भला है सभी को मिला ,
दूसरे की कोई बात फ़िर क्यों खले ।
इस रचना का वास्तविक आनंद Youtube पर सुन कर ही आयेगा, इसलिए आपसे अनुरोध है कि आप मेरी मेहनत को सफल बनाएं और वहां इसे जरूर सुनें...
आंधियाँ भी चले और दिया भी जले ।
होगा कैसे भला आसमां के तले ।
अब भरोसा करें भी तो किस पर करें,
अब तो अपना ही साया हमें ही छले ।
दिन में आदर्श की बात हमसे करे,
वो बने भेड़िया ख़ुद जंहा दिन ढले ।
आवरण सा चढ़ा है सभी पर कोई,
और भीतर से सारे हुए खोखले ।
ज़िन्दगी की खुशी बांटने से बढ़े ,
तो सभी के दिलों में हैं क्यों फासले ।
कुछ बुरा कुछ भला है सभी को मिला ,
दूसरे की कोई बात फ़िर क्यों खले ।
Copyright@PBChaturvedi
कृपया आप यहाँ अवश्य पधारें :-
श्री रामदरश मिश्र जी की एक कविता/कंचनलता चतुर्वेदी
कृपया आप यहाँ अवश्य पधारें :-
श्री रामदरश मिश्र जी की एक कविता/कंचनलता चतुर्वेदी
रविवार, 12 अक्टूबर 2014
बड़ी मुश्किल है बोलो क्या बताएं...
अपनी आवाज़ में एक ग़ज़ल [ "मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन फ़ऊलुन" पर आधारित ] प्रस्तुत कर रहा हूँ...
इस रचना का वास्तविक आनंद Youtube पर सुन कर ही आयेगा, इसलिए आपसे अनुरोध है कि आप मेरी मेहनत को सफल बनाएं और वहां इसे जरूर सुनें...
इस रचना का वास्तविक आनंद Youtube पर सुन कर ही आयेगा, इसलिए आपसे अनुरोध है कि आप मेरी मेहनत को सफल बनाएं और वहां इसे जरूर सुनें...
बड़ी मुश्किल है बोलो क्या बताएं।
न पूछो कैसे हम जीवन बिताएं।
अदाकारी हमें आती नही है,
ग़मों में कैसे अब हम मुस्कुराएं।
अँधेरा ऐसा है दिखता नही कुछ,
चिरागों को जलाएं या बुझाएं।
फ़रेबों,जालसाजी का हुनर ये,
भला खुद को ही हम कैसे सिखाएं।
ये माना मुश्किलों की ये घडी़ है,
चलो उम्मीद हम फिर भी लगाएं।
सियासत अब यही तो रह गई है,
विरोधी को चलो नीचा दिखाएं।
अगर सच बोल दें तो सब खफ़ा हों,
बनें झूठा तो अपना दिल दुखाएं।
न पूछो कैसे हम जीवन बिताएं।
अदाकारी हमें आती नही है,
ग़मों में कैसे अब हम मुस्कुराएं।
अँधेरा ऐसा है दिखता नही कुछ,
चिरागों को जलाएं या बुझाएं।
फ़रेबों,जालसाजी का हुनर ये,
भला खुद को ही हम कैसे सिखाएं।
ये माना मुश्किलों की ये घडी़ है,
चलो उम्मीद हम फिर भी लगाएं।
सियासत अब यही तो रह गई है,
विरोधी को चलो नीचा दिखाएं।
अगर सच बोल दें तो सब खफ़ा हों,
बनें झूठा तो अपना दिल दुखाएं।
Copyright@PBChaturvedi
रविवार, 10 अगस्त 2014
जब भी सोचूँ अच्छा सोचूँ /pbchaturvedi
मित्रों ! एक पूर्वप्रकाशित रचना अपनी आवाज में प्रस्तुत कर रहा हूँ , इस रचना का संगीत-संयोजन और चित्र-संयोजन भी मैंने किया है | आप से अनुरोध है कि आप मेरे Youtube के Channel पर भी Subscribe और Like करने का कष्ट करें ताकि आप मेरी ऐसी रचनाएं पुन: देख और सुन सकें | आशा ही नहीं वरन पूर्ण विश्वास है कि आप इस रचना को अवश्य पसंद करेंगे |
इस रचना का वास्तविक आनंद Youtube पर सुन कर ही आयेगा, इसलिए आपसे अनुरोध है कि आप मेरी मेहनत को सफल बनाएं और वहां इसे जरूर सुनें...
जब भी सोचूँ अच्छा सोचूँ।
मैं तो केवल इतना सोचूँ।
बालिग होकर ये मुश्किल है,
आओ खुद को बच्चा सोचूँ।
सोच रहे हैं सब पैसों की,
लेकिन मैं तो दिल का सोचूँ।
बातों की तलवार चलाए,
कैसे उसको अपना सोचूँ।
ऊपर वाला भी कुछ सोचे,
मैं ही क्योंकर अपना सोचूँ।
जो भी होगा अच्छा होगा,
मैं बस क्या है करना सोचूँ।
मैं तो केवल इतना सोचूँ।
बालिग होकर ये मुश्किल है,
आओ खुद को बच्चा सोचूँ।
सोच रहे हैं सब पैसों की,
लेकिन मैं तो दिल का सोचूँ।
बातों की तलवार चलाए,
कैसे उसको अपना सोचूँ।
ऊपर वाला भी कुछ सोचे,
मैं ही क्योंकर अपना सोचूँ।
जो भी होगा अच्छा होगा,
मैं बस क्या है करना सोचूँ।
Copyright@PBChaturvedi
मंगलवार, 22 जुलाई 2014
अमर गायक मुकेश के जन्मदिन पर....
मित्रों ! आज मेरे प्रिय गायकों में से एक मुकेश जी का जन्मदिन है | हालांकि मैं इस समय टान्सिल से परेशान हूँ पर पर इस दिन को ऐसे नहीं जाने दूंगा | इसलिए मुकेशजी का ये गीत आज प्रस्तुत कर रहा हूँ....
रविवार, 29 जून 2014
शुक्रवार, 30 मई 2014
बड़ी दूर से आये हैं....
मित्रों ! अपना एक मनपसंद गीत प्रस्तुत कर रहा हूँ जो आशा है आप को भी पसंद होगा....
आप से अनुरोध है कि आप मेरे Youtube के Channel पर भी Subscribe और Like करने का कष्ट करें ताकि आप मेरी ऐसी रचनाएं पुन: देख और सुन सकें
आप से अनुरोध है कि आप मेरे Youtube के Channel पर भी Subscribe और Like करने का कष्ट करें ताकि आप मेरी ऐसी रचनाएं पुन: देख और सुन सकें
मंगलवार, 27 मई 2014
बधाई/उफ़ ! ये समाचार चैनल...
सबसे पहले तो प्रधानमंत्री मोदी जी और उनके मंत्रिमंडल को बधाई | देखते ही देखते अन्ततः मोदी की सरकार बन ही गयी | विरोधी बगले झांकते रह गए और भाजपा सत्ता में दस साल बाद पुनः वापस आ गयी | सच पूछिए तो ये जरूरी भी था | सत्ता का हस्तांतरण यदि इसी तरह कम से कम दस सालों में होता रहे तो कई चीजें अपने आप संतुलित हो जायेंगी | नेता मदांध होकर नहीं कुर्सी पर नहीं बैठेगे जैसा कांग्रेस के कुछ नेताओं के आचरण में दिख रहा था | कल जब सभी अपनी शपथ ले रहे थे तो मुझे मनमोहन सिंह जी की याद आ गयी | उन्होंने और उनके मंत्रिमंडल ने भी तो यह शपथ लिया था कि "जब ऐसा करना अपेक्षित न हो मैं कोई सूचना प्रकट नहीं करूंगा" पर क्या ऐसा हुआ ? उन्हें तो संविधान की और इस शपथ की परवाह किये बिना सूचनाओं को अपने सुपर बॉसद्वय को मजबूरी में बताना ही पड़ता था और इस बात कई बार प्रमाण हम सबको मिल ही चुके हैं | प्रधानमंत्री मोदी जी ने अपने पहले ही कुछ फैसलों में अपनी अलग एक झलक दिखाई है और पूरी उम्मीद है ये आगे भी बरक़रार रहेगा | सार्क देशों के सभी राष्ट्राध्यक्षों को बुलाना और अपनी पहली ही कैबिनेट मीटिंग में काला धन पर एस.आई.टी. बनाना ऐसे फैसले हैं जिनके असर दूरगामी हो सकते हैं |
अब बात कुछ समाचार चैनलों की कर लें | ये बात-बात पर भारत और पाकिस्तान की जनता को आमने-सामने बिठाकर ऐसे प्रश्न पूछने लगते हैं मुझे उस समय इनकी समझ पर तरस आने लगता है | अब नवाज शरीफ ने देर से भारत आने का फैसला क्यों लिया इसको वहां की जनता कैसे बता सकती है ? ऐसे कई प्रश्न मुझे बेतुके से लगे | इस कार्यक्रमों से ऐसा लग रहा था जैसे अभी युद्ध करवा कर ही ये मानेंगे और इन्हें अपने या किसी भी देश की जनता की भावना से खिलवाड़ करने की छूट मिली हुई है | इन चैनलों को भी कुछ जिम्मेदारी समझनी चाहिए |
सोमवार, 12 मई 2014
आप की जब थी जरूरत आप ने धोखा दिया
मित्रों ! एक रचना अपनी आवाज में प्रस्तुत कर रहा हूँ जिसे आप पहले पढ़ चुके हैं , इस रचना का संगीत-संयोजन भी मैंने किया है | आप से अनुरोध है कि आप मेरे Youtube के Channel पर भी Subscribe और Like करने का कष्ट करें ताकि आप मेरी ऐसी रचनाएं पुन: देख और सुन सकें | आशा ही नहीं वरन पूर्ण विश्वास है कि आप इस रचना को अवश्य पसंद करेंगे |
इस रचना का असली आनंद Youtube पर सुन कर ही आयेगा, इसलिए आपसे अनुरोध है कि आप मेरी मेहनत को सफल बनाएं और वहां इसे जरूर सुनें...
सुनिए एक नई आडियो रिकार्डिंग
आप की जब थी जरूरत, आप ने धोखा दिया।
हो गई रूसवा मुहब्बत , आप ने धोखा दिया।
खुद से ज्यादा आप पर मुझको भरोसा था कभी;
झूठ लगती है हकीकत, आप ने धोखा दिया।
दिल मे रहकर आप का ये दिल हमारा तोड़ना;
हम करें किससे शिकायत,आप ने धोखा दिया।
बेवफ़ा होते हैं अक्सर, हुश्नवाले ये सभी;
जिन्दगी ने ली नसीहत, आप ने धोखा दिया।
पार करने वाला माझी खुद डुबोने क्यों लगा;
कर अमानत में खयानत,आप ने धोखा दिया।
गुरुवार, 24 अप्रैल 2014
मतदान कीजिए/प्रांचन प्रणव चतुर्वेदी
इस चुनाव के मौसम में एक सन्देश अपने बेटे की आवाज़ में प्रस्तुत कर रहा हूँ | इसे आप YOUTUBE पर सुनने और Subscribe का कष्ट करें...
मतदान कीजिए सभी मतदान कीजिए
इस लोकतंत्र पर्व का सम्मान कीजिए |
संसद में जो भी जाए वो आदमी अच्छा हो,
हर शख्स से ये आप आह्वान कीजिए |
मतदान करना है जरूरी दान की तरह,
किसी पात्र व्यक्ति को ही ये दान कीजिए |
अपराधी आ रहे हैं राजनीति में बहुत,
पूरे न आप उनके अरमान कीजिए |
मतदान कीजिए सभी मतदान कीजिए
इस लोकतंत्र पर्व का सम्मान कीजिए |
संसद में जो भी जाए वो आदमी अच्छा हो,
हर शख्स से ये आप आह्वान कीजिए |
मतदान करना है जरूरी दान की तरह,
किसी पात्र व्यक्ति को ही ये दान कीजिए |
अपराधी आ रहे हैं राजनीति में बहुत,
पूरे न आप उनके अरमान कीजिए |
Copyright@PBChaturvedi
सोमवार, 7 अप्रैल 2014
भजन :- जय जय जय हे दुर्गे देवी
नवरात्रि के अवसर पर दुर्गा जी का एक भजन प्रस्तुत कर रहा हूँ | आप इसे सुनें और भक्ति में डूब जाएँ......
Copyright@PBChaturvedi
Copyright@PBChaturvedi
आप सभी को रामनवमी की शुभकामनायें.....
रविवार, 16 मार्च 2014
हास्यकविता/ जोरू का गुलाम
मित्रों ! होली के अवसर पर एक हास्य - कविता का आडियो प्रस्तुत कर रहा हूँ | मजे की बात ये है कि ये रचना मैंने उस समय लिखी थी जब अभी मेरी शादी नहीं हुई थी | आशा है आप को ये जरूर पसंद आयेगी.....
आप सभी को होली की शुभकामनाएं...
इस रचना का असली आनंद सुन कर ही आयेगा, इसलिए आपसे अनुरोध है कि नीचे दिए गए लिंक पर इसे जरूर सुनें | आप से अनुरोध है कि आप मेरे Youtube के Channel पर भी Subscribe और Like करने का कष्ट करें...
भयवश नहीं परिस्थितिवश मैं करता हूँ सब काम।
फ़िर भी लोग मुझे कहते हैं जोरू का गुलाम.......।
सुबह अगर बीबी सोई हो, चाय बनाना ही होगा;
बनी चाय जब पीने को तब उसे जगाना ही होगा;
चाय बनाना शौक है मेरा हो सुबह या शाम.......
फ़िर भी लोग मुझे कहते हैं जोरू का गुलाम.......।
मूड नहीं अच्छा बीबी का फ़िर पति का फ़र्ज है क्या;
बना ही लेंगे खाना भी हम आखिर इसमें हर्ज है क्या;
इसी तरह अपनी बीबी को देता हूँ आराम.....
फ़िर भी लोग मुझे कहते हैं जोरू का गुलाम.......।
वो मेरी अर्धांगिनी है इसमें कोई क्या शक है;
इसीलिये तनख्वाह पे मेरे केवल उसका ही हक है;
मेरा काम कमाना है बस खर्चा उसका काम.....
फ़िर भी लोग मुझे कहते हैं जोरू का गुलाम.......।
Copyright@PBChaturvedi
आप सभी को होली की शुभकामनाएं...
आप सभी को होली की शुभकामनाएं...
सोमवार, 6 जनवरी 2014
A love song-कुछ हमसे सुनो कुछ हमसे कहो
मित्रों ! नववर्ष की पहली सौगात के रूप में यह प्रेमगीत प्रस्तुत कर रहा हूँ | आशा है हमेशा की तरह आप इसे भी पसंद करेंगे.....
कुछ हमसे सुनो कुछ हमसे कहो।
चाँदनी रात है, ऐसे चुप ना रहो।
हर जगह भीड़ है हर जगह लोग हैं,
ऐसी तनहाई मिलती है जल्दी नहीं;
जहाँ कोई न हो जहाँ कोई न हो........
चाँदनी रात है, ऐसे चुप ना रहो.........
बडी़ मुश्किल से फ़ुरसत के पल आते हैं,
होके चुप इन पलों को न जाया करो;
प्यार के इस समुन्दर में आओ बहो......
चाँदनी रात है, ऐसे चुप ना रहो...........
लब अगर बात करने से कतरा रहे,
बात करने की तरकीब यूं सीख लो;
अपनी नज़रों से मेरी नज़र में कहो......
चाँदनी रात है, ऐसे चुप ना रहो............
इस रचना का असली आनंद Youtube पर सुन कर ही आयेगा, इसलिए आपसे अनुरोध है की आप मेरी मेहनत को सफल बनाएं और वहां इसे जरूर सुनें...
चाँदनी रात है, ऐसे चुप ना रहो।
हर जगह भीड़ है हर जगह लोग हैं,
ऐसी तनहाई मिलती है जल्दी नहीं;
जहाँ कोई न हो जहाँ कोई न हो........
चाँदनी रात है, ऐसे चुप ना रहो.........
बडी़ मुश्किल से फ़ुरसत के पल आते हैं,
होके चुप इन पलों को न जाया करो;
प्यार के इस समुन्दर में आओ बहो......
चाँदनी रात है, ऐसे चुप ना रहो...........
लब अगर बात करने से कतरा रहे,
बात करने की तरकीब यूं सीख लो;
अपनी नज़रों से मेरी नज़र में कहो......
चाँदनी रात है, ऐसे चुप ना रहो............
Copyright@PBChaturvedi
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